Writing with Fire: 40 महिलाओं के जुनून ने शुरू की थी ‘ख़बर लहरिया’, Oscars में शामिल डॉक्यूमेंट्री की असली कहानी

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Writing with Fire: 40 महिलाओं के जुनून ने शुरू की थी 'ख़बर लहरिया', Oscars में शामिल डॉक्यूमेंट्री की असली कहानी
Feb 9th 2022, 06:45

94वें एकेडमी अवॉर्ड्स के नॉमिनेशन्स की लिस्ट सामने आ गई है। भारत की "" डॉक्यूमेंट्री (Writing with Fire) ने ऑस्कर 2022 की फाइनल नॉमिनेशन () में जगह बनाई है। जबकि 'जय भीम' और 'मरक्कर' जैसी दो फिल्में फाइनल नॉमिनेशन में जगह हासिल नहीं कर पाई। "राइटिंग विद फायर" डॉक्यूमेंट्री को ऑस्कर में एंट्री मिलने के बाद ये लगातार चर्चा में है। ये डॉक्यूमेंट्री एक अखबार की कहानी है जिसका नाम है खबर लहरिया (Khabar Lahariya)। आइए बताते हैं "राइटिंग विद फायर" डॉक्यूमेंट्री का विषय क्या है, क्यों इस डॉक्यूमेंट्री को सबसे बड़े खिताब के लिए नॉमिनेशन मिला और खबर लहरिया न्यूज पेपर क्या है व कैसे इसकी शुरुआत हुई। राइटिंग विद फायर डॉक्यूमेंट्री की निर्देशक राइटिंग विद फायर डॉक्यूमेंट्री 30 जनवरी 2021 को रिलीज हुई, इसे सुमित घोष और रिंतु थोमस ने निर्देशित किया है और प्रॉड्यूस भी। ये डॉक्यूमेंट्री दलित, अल्पसंख्यक और आदिवासी महिलाओं द्वारा चलाए जाने वाले अखबार 'खबर लहरिया' की कहानी है। कई सालों तक गांव की महिलाओं ने मोबाइल फोन व सीमित संसाधनों के सहारे रिपोर्टिंग की और इस अखबार के जरिए क्राइम, महिलाए संबंधी और दलित-पिछड़ों समेत कई मुद्दों को कवर किया। इन महिलाओं के जुनून और इरादे ने वो कर दिखाया जो पढ़े लिखे बड़े-बड़े दिग्गज नहीं कर पाए। इसी असली कहानी पर सुमित घोष और रिंतु थोमस ने 'राइटिंग विद फायर' डॉक्यूमेंट्री बनाई है। महिलाओं के जुनून और हिम्मत की कहानी अखबार के बारे में तो आप जानते होंगे। रोज आपके दरवाजे पर न्यूज पेपर की दस्तक होती है। आप विश्वभर की तमाम जानकारी पढ़ते होंगे। लेकिन एक अखबार ऐसा भी है जिसकी कहानी से शायद आप रूबरू नहीं होंगे। रिंतु थोमस की 'राइटिंग विद फायर' डॉक्यूमेंट्री के बाद इस अखबार की खूब चर्चा हो रही है। इस न्यूजपेपर का नाम खबर लहरिया है। ये महज एक अखबार नहीं बल्कि महिलाओं के जुनून और हिम्मत की कहानी है। ये अखबार सिर्फ खबरें नहीं बल्कि महिलाओं और बच्चों को प्रेरित करता है। इसी जज्बे की कहानी को बयां करती यह डॉक्यूमेंट्री विश्वभर में प्रशंसा हासिल कर रही है। कब शुरू हुआ खबर लहरिया साल 2002 में खबर लहरिया चित्रकूट समेत बुंदेलखंड के कई जिलों में प्रकाशित होने लगा। ये हिंदी या अंग्रेजी भाषा में नहीं बल्कि बुंदेली और अवधि बोली में शुरू किया गया। ऐसा इसीलिए क्योंकि इस अखबार में वे महिलाएं खबरें प्रकाशित कर रही थीं जिन्हें हिंदी या इंग्लिश नहीं आती थी। इन महिलाओं को सिर्फ अपने काम-काज और रहन-सहन की स्थानीय बोली आती थी और उन्होंने अपने मुद्दों को अपनी देसी भाषा में उठाया। उनकी बोली में इतनी ताकत थी कि आज उनकी कहानी देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी पढ़ी जा रही है। कैसे हुई खबर लहरिया की शुरुआत करीब 20 साल पहले चित्रकूट से 8 पन्नों में प्रकाशित होना वाला अखबार खबर लहरिया की शुरुआत हुई। धीरे धीरे ये लखनऊ और वाराणसी से भी प्रकाशित होने लगा। बुंदेली के बाद अवधि और भोजपुरी भाषाओं में इसे प्रकाशित किया जाने लगा। 40 ग्रामीण महिलाओं का एक समूह बना और इन्होंने अखबार के हर छोटे बड़े काम को करना शुरू किया। ये रिपोर्ट्स तैयार करने के साथ एडिट करना, लिखना और घर-घर तक न्यूजपेपर पहुंचाने का काम किया करती थीं। इस सफर की शुरुआत करने वाली महिलाएं ये देश का पहला अखबार है जिसे दलित-आदिवासी और अल्पसंख्यक महिलाएं चलाती थीं। इसकी शुरुआत 'निरंतर एनजीओ' ने मीरा जाटव, शालिनी जोशी और कविका बुंदेलखंडी के साथ मिलकर की। कविता एक दलित परिवार से आती हैं। चित्रकूट के कुंजनपुर्वा गांव की रहने वाली कविता की शादी महज 12 साल में करवा दी गई। वह शादी और घर के चलते पढ़ाई पूरी नहीं कर पाईं। लेकिन उन्होंने एनजीओ की मदद से पढ़ाई पूरी की और टीम के साथ मिलकर साल 2002 में खबर लहरिया की शुरुआत की। सिर्फ महिलाएं करती हैं यहां काम खबर लहरिया की सबसे खास बात ये है कि इनकी पूरी टीम महिला पत्रकारों से जुड़ी है। कोई आदिवासी तो कोई दलित, सभी महिलाओं ने एकजुट होकर पत्रकारिता की। इन महिलाओं के पास ज्यादा डिग्री या पढ़े लिखे होने के सर्टिफिकेट तो नहीं लेकिन इनकी हिम्मत ने वो सब किया जो बड़े संस्थान न कर पाते। कैसे करते हैं काम ये महिलाएं समाज के अनछुए मुद्दे, सरकार के वादे, भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, दलित-आदिवासी के विषय और गरीबों व महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर करते हैं। साल 2015 में ये अखबार बंद हो गया लेकिन इसकी वेबसाइट शुरू की गई। अब ये पूरी तरह से डिजिटल तौर पर काम करता है और स्थानीय भाषाओं में शुरू किया गया ये सफर आज इंग्लिश भाषा में भी खबरें परोसता है।

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