अरुणा ईरानी बोलीं- महमूद ने मेरा करियर बनाया भी और बिगाड़ा भी, दोनों की शादी की उड़ी थी अफवाह Feb 20th 2022, 08:41 बॉलिवुड इंडस्ट्री में 80-90 के दशक की मशहूर अदाकारा अरुणा ईरानी (Aruna Irani)। जिन्होंने कई फिल्मों में काम किया। कभी वह जितेंद्र के साथ रोमांस करती नजर आईं, तो कभी अनिल कपूर की सौतेली मां रोल में दिखाई दीं। जो भी किरदार किया, सभी से दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ दी। 500 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकीं इस अदाकार को नासिर हुसैन की 'कारवां' (Caravan) से इंडस्ट्री में जबरदस्त पहचान मिली। उसके बाद तो इन्होंने अपनी लाइफ में कई मुकाम हासिल किए। कभी इन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। लीड ऐक्ट्रेस के साथ-साथ वह पर्दे पर चुलबुली दोस्त, बढ़िया डांसर, तेजतर्रार विलेन, खडूस सास, खूसट दादी और चालबाज सौतेली मां के रोल में भी खूब पसंद की गईं। कोई ऐसा कैरेक्टर नहीं रहा, जिसे उन्होंने न निभाया हो। कहा जाता है कि जिस तरह से वह हंसती-खिलखिलाती ऑनस्क्रीन रहतीं, वैसे ही वह ऑफस्क्रीन भी रहती हैं। बोले तो वही हंसाता, मुस्कुराता, नूरानी चेहरा आपको हमेशा दिखाई देगा। ऐसा नहीं है कि इन्हें हमेशा सक्सेस ही हाथ लगी है। कई दफे नाकामयाबी भी झेलनी पड़ी है। जिसका जिम्मेदार वह आज भी महमूद (Mehmood Relation With )को ही ठहराती हैं। ETimes से खास बातचीत में अरुणा ईरानी ने अपनी लाइफ के कई पन्नों को खोलकर रखा। जिन्हें आज हम तफसील से जानेंगे। दिलीप साहब ने ऑफर किया था पहला रोलअरुणा ईरानी ने फिल्म गंगा जमुना से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस वक्त वह 9 साल की थीं। उस वक्त उनकी बिल्डिंग के सभी बच्चों को ऑडिशन्स के लिए बुलाया गया था। सभी बच्चे वहां वैसे कोक और चिप्स के लिए ही जाया करते थे। अरुणा कहती हैं, 'मुझे ऑडिशन्स में बहुत कम इंट्रेस्ट था। मेरे सारा ध्यान तो बस कोक और चिप्स पर था। जब मैं एक कोने में खड़ी थी, तभी दिलीप साहब ने मुझे बुलाया। बोले- ए लड़की! मैंने पहली बार तो अनसुना कर दिया। लेकिन जब दोबारा बुलाया तो मैं गई और उनसे मिली। इस दौरान उन्होंने पूछा कि क्या मुझे एक्टिंग में इंट्रेस्ट है। तो मैंने हां कह दिया। फिर उन्होंने एक छोटा-सा डायलॉग दिया। मैंने पता नहीं कैसे वह बोला, लेकिन उनको पसंद आ गया। और ऐसे मुझे फिल्म में पहला रोल ऑफर हुआ था।' शुरुआती दिनों में ऐसा था इंडस्ट्री में अनुभवअरुणा ईरानी को अपनी पहली फिल्म तो मिल गई थी। इसके बाद उनके एक्टिंग की लाइन खुल गई थी। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान बताया, 'मैं इस इंडस्ट्री का शुक्रियाअदा करना चाहूंगी, जिसने मुझे इतने अच्छे मौके दिए। मेरे जैसे अनपढ़ को बस फिल्म इंडस्ट्री ही सहारा दे सकती है। क्योंकि मैंने सिर्फ 6वीं तक पढ़ाई की है। मुझे लगता है कि हम जैसे लोगों को फिल्म इंडस्ट्री की वजह से ही काम करने का मौका मिलता है। ऐसा और कहीं नहीं होगा।' 'कारवां' से मिली सक्सेसअरुणा ईरानी इस फिल्म के ऑफर होने के पहले छोटी-मोटी फिल्मों में काम कर रही थीं। अब नासिर हुसैन को अपनी फिल्म के लिए कोई गोरी-चिट्टी लड़की चाहिए थी। सुरेश भट्ट, जो डांस डायरेक्टर थे, उन्होंने अरुणा ईरानी का नाम सजेक्ट कर दिया। इसके बाद ऐक्ट्रेस औ नासिर हुसैन की मुलाकात हुई। बातें हुईं और फिल्म में रोल मिल गया। हालांकि उस वक्त उन्हें बिलकुल भी डांस नहीं आता था। लेकिन सुरेश भट्ट ने उनको ट्रेन्ड कर दिया था। फिल्म की शूटिंग खत्म हुई और फिर रिलीज हुई। जिसके बाद लोगों को लगा कि अरुणा ईरानी ऐक्ट्रेस नहीं, बल्कि डांसर हैं। जिसके बाद उनको फिल्मों में डांस नंबर्स के लिए कई सारे ऑफर्स मिलने लगे। उनको लगने लगा कि जहां उनको एक भी स्टेप नहीं आता था, अब उनको बढ़ियां डांस आता है। हालांकि 'कारवां' और 'बॉम्बे टू गोवा' की एक-साथ मिली सक्सेस के बाद अरुणा ईरानी को दो सालों तक कोई रोल नहीं मिला। लेकिन फिर दो साल बाद राज कपूर ने उन्हें फिल्म 'बॉबी' ऑफर की, जो ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। इसके बाद फिर तो अरुणा की लाइफ निकल पड़ी थी। उनको बैक-टू-बैक फिल्में ऑफर होने लगी थीं। और उन्हें जो रोल आता गया, वह सब करती गईं। करियर के डूबने का जिम्मेदार बने महमूदअरुणा ईरानी की जब फिल्म आई बॉम्बे टू गोवा, तो लोगों को लगा कि उनकी एक-दूसरे से शादी हो गई है। इस वजह से उनको कोई फिल्में ही ऑफर नहीं कर रहा था। ऐक्ट्रेस हंसते हुए कहती हैं, 'ऐसा लग रहा था कि जहां महमूद ने मेरा करियर बना दिया था, वहीं उनकी ही वजह से मेरा करियर डूब भी गया था। लेकिन आखिरकार सब ठीक हो गया था। लाइफ पटरी पर आ रही थी। महमूद के साथ करने का अनुभव अच्छा रहा। वह बहुत बढ़िया कलाकार थे। उन्होंने मुझे एक्टिंग, कॉमेडी पंच वगैरह सबके बारे में बहुत कुछ सिखाया।' अरुणा ईरानी और महमूद का रिश्ताअरुणा ईरानी और महमूद की जोड़ी बॉम्बे टू गोवा से खूब फेमस हुई थी। इसके बाद दोनों का नाम भी जोड़ा जाने लगा था। अपने रिश्ते पर ऐक्ट्रेस ने कहा था, 'हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, यही नहीं दोस्त से भी ज्यादा अच्छे थे। शायद आप सभी इसे आकर्षण, दोस्ती या कुछ और भी कह सकते हैं। लेकिन हमने शादी कभी नहीं की, क्योंकि हम कभी प्यार में नहीं थे। लेकिन अगर हमें प्यार होता तो हम जरूर शादी भी करते। लेकिन अब मैं अपने बीते हुए कल को पूरी तरह से भूल चुकी हूं।' बता दें कि अरुणा ने 40 की उम्र में शादी करने का फैसला लिया था। उन्होंने निर्देशक कुक्कू कोहली से शादी की थी। ये वही हैं, जिन्होंने अजय देवगन की पहली फिल्म 'फूल और कांटे' में अरुणा को ब्रेक भी दिया था। |