'A Thursday' से पहले वीकडेज के नाम पर बन चुकी हैं ये फिल्में, कुछ हिट तो कुछ फ्लॉप, आपने देखीं क्या? Feb 21st 2022, 07:52  बॉलिवुड में फिल्मों के नाम कहानी के हिसाब से ही रखे जाते हैं। कई बार वह नाम दर्शकों को बहुत अट्रैक्ट करते हैं और कई बार कहानी अच्छे होने के बावजूद उनके खराब टाइटल नैया डुबो देते हैं। ताजा उदाहरण है, कुछ दिन पहले डिस्जी हॉट स्टार पर रिलीज हुई यामी गौतम (Yami Gautam) की 'अ थर्सडे' (A Thursday) जिसमें ऐक्ट्रेस एक रेप विक्टिम होती हैं। वह अपने दोषियों को सजा दिलाने के लिए 16 बच्चों को किडनैप कर लेती हैं। उन बच्चों को छुड़ाने के लिए देश की प्रधानमंत्री तक को उनसे मिलने के लिए नैना (यामी गौतम के किरदार का नाम) के घर आना पड़ता है। अब आप सोचिए ऐसा भला असल जिंदगी में कहां ही होता है। लेकिन ये फिल्म है, तो कुछ भी हो सकता है। नैना प्रधानमंत्री से अपनी डिमांड पूरी करवाती है। उसकी डिमांड भी मान ली जाती है। मतलब फिल्म में दिखाया जाता है कि जो नैना के साथ पूरा वाकया हुआ और उस वाकये से सबक लेकर देश ने जो कदम उठाया, वह गुरुवार का दिन था। भले एक अच्छी सोच के साथ फिल्म को बनाया गया हो, लेकिन कहानी उन तमाम फिल्मों जैसी ही लगी, जैसे कि बाकियों में महिला अपराधों को उजागर किया गया और उनके खिलाफ आवाज उठाने के लिए लोगों को जागरुक किया गया। खैर, आज हम आपको यहां इस फिल्म का रिव्यू नहीं बल्कि उन तमाम फिल्मों की लिस्ट और कहानी बताने वाले हैं, जो सप्ताह के दिनों पर बनाई गईं हैं। साथ ही जानेंगे उन्होंने अपनी कहानी को नाम से कैसे जस्टिफाई किया है। सनडे/ Sunday यह एक कॉमेडी- सस्पेंस फिल्म हैं। इसमें आएशा टाकिया, इरफान खान, अजय देवगन और अरशद वारसी मुख्य भूमिका में हैं। 2008 में आई ये तेलुगु फिल्म का हिंदी रीमेक थी। कहानी की बात करें तो यह एक मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें सेहर (आयशा के किरदार का नाम) की लाइफ में संडे यानि रविवार के दिन कुछ ऐसा होता है, जिससे वह अपनी लाइफ की काफी चीजें भूल जाती है। दरअसल, फिल्म में वह एक डबिंग आर्टिस्ट होती है। वीकेंड होने की वजह से वह संडे को एक पब में पार्टी करने जाती है लेकिन एक गलत एंट्री की वजह से उसकी लाइफ उलट-पुलट हो जाती है। उस दिन एक लड़की का मर्डर भी हो जाता है। इस घटना का असर उसके दिमाग पर इस कदर अपना छाप छोड़ता है कि वह सब कुछ भूल जाती है। अब इसी मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए ACP राजवीर (अजय देवगन के किरदार का नाम) की एंट्री होती है और केस सॉल्व करते हैं। तो बेसिकली संडे को हुए एक मर्डर को लेकर ये पूरी एक कॉमेडी फिल्म 'संडे' बनाई जाती है, जो बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा कमाल भी नहीं कर पाती है। और करेगी भी क्यों, एक दिन के वाकये पर बनी सवा दो घंटे की फिल्म किसे ही पसंद आती। वन फाइन मंडे/ One Fine Monday ये भी एक कॉमेडी फिल्म थी। 2014 में रिलीज हुई इस फिल्म में शेखर सुमन, तनाज ईरानी और गौरी कार्निक मुख्य भूमिका में नजर आए थे। फिल्म की कहानी एक डॉन पर आधारित है। डॉन शेखर सुमन बने हैं, जो शहर के सबसे खूंखार अपराधी में से एक होते हैं। हालांकि पिता की मौत हो जाने पर वह उनसे वादा करते हैं कि वो वह ये सब छोड़ देंगे और खुद में सुधार लगाएंगे। फिर कहानी आगे बढ़ती है। एक सोमवार की सुबह जब वह उठते हैं, तो यही कोशिश करते हैं कि अब वह लीगल काम ही करेंगे। लेकिन कई बार उनके साथ ऐसा होता दिखाया जाता है कि उन्हें दलदल में वापस लौटना पड़ता है। खैर, कहानी कुछ खास न होने की वजह से ये फिल्म सुपर डुपर फ्लॉप हो जाती है। और जैसा की फिल्म के नाम से ही साफ है कि सिर्फ एक ही दिन ऐसा होता है, जो अच्छा गुजरता है, वही इस पूरी फिल्म में देखने को मिलता है। तो इस तरह एक और फिल्म अपने नाम और कहानी की वजह से मारी जाती है। ट्यूसडे एंड फ्राइडेज/ Tuesdays & Friday 2021 में रिलीज हुई ये फिल्म एक लव स्टोरी पर बेस्ड है। इसमें कपल हफ्ते में सिर्फ दो दिन मिलने का प्लान करते हैं। जो कि एक दिन मंगलवार का होता है और दूसरा शुक्रवार का। इसमें अनमोल ढिल्लन एक बेस्टसेलर बुक के राइटर और झटलेखा मल्होत्रा वकील का किरदार निभा रही हैं। दोनों का पास्ट थोड़ा सैड-सैड होता है। इसलिए जब इनकी मुलाकात होती है, तो ज्यादा जमती नहीं है। लेकिन बाद में मुलाकात का सिलसिला बढ़ता जाता है और ये सप्ताह में दो दिन ही मिलने का प्लान करते हैं। बाकी दिन खुद के साथ बिताने का तय करते हैं। फिल्म में कई जगह इमोशनल सीन्स भी हैं। लेकिन फिल्म को हिट बनाने में न तो कहानी काम आती है और न इसके गाने। इसी वजह से बॉक्स ऑफिस पर भी यह फिल्म औंधे मुंह गिर जाती है। अ वेडनेसडे/ A Wednesday इस फिल्म की कहानी मुंबई में होने वाले आतंकी हमलों पर है। जो एक बुधवार को दोपहर 2 बजे से 6 बजे के बीच होती है। इसमें अनुपम खेर एक पुलिस कमिश्नर और नसुरुद्दीन शाह एक अनजान आदमी के किरदार में हैं। नसुरुद्दीन शाह फोन पर अनुपम खेर से चार आतंकवादियों को छोड़ने की डिमांड करता है। बदले में शहर में लगे बम की जानकारी देने की शर्त रखता है। अनुपम खेर उस अनजान व्यक्ति की तलाश कराने का बहुत प्रयास करते हैं, लेकिन कुछ सुराग हाथ नहीं लगता। फिर लोगों की जान बचाने के लिए आतंकवादियों को एक-एक करके छोड़ने का फैसला लिया जाता है। फिल्म में दरअसल ये दिखाया गया है कि कैसे एक आदमी भी आतंकवाद को खत्म करने के बारे में सोचता है। यह फिल्म भी एक दिन के वाकये पर फिल्माई गई थी। और बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई थी। दोनों कलाकारों की एक्टिंग भी दर्शकों को खूब पसंद आई थी। ब्लैक फ्राइडे/ Black Friday अनुराग कश्यप की डायरेक्ट की हुई ये फिल्म 1993 में हुए मुंबई हमले पर आधारित थी। इंडियन ऑथर हुसैन जैदी की लिखी किताब 'स्टोरी ऑफ द बॉम्बे बम ब्लास्ट्स' से इस फिल्म की कहानी बुनी गई थी। 12 मार्च 1993 को हुई ये दर्दनाक घटना शुक्रवार के दिन घटित हुई थी। इस वजह से इस फिल्म का नाम ब्लैक फ्राइडे रखा गया था। इसमें केके मेनन ने जहां डीसीपी राकेश मारिया का रोल निभाया था। वहीं पवन मल्होत्रा ने टाइगर मेनन के किरदार में नजर आए थे। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बढ़िया कमाल किया था और दर्शकों को भी खूब पसंद आई थी। |